भारत के 35% बाघ क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र से बाहर
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 8 जुलाई, 2021 को जारी रिपोर्ट ‘ए फ्रयूचर फॉर ऑल - ए नीड फॉर ह्यूमन - वाइल्डलाइफ को-एग्जीस्टेंस’ (A Future for All - A need for Human-Wildlife Coexistence) के अनुसार वर्तमान में भारत के 35% बाघ क्षेत्र (tiger ranges) संरक्षित क्षेत्रें से बाहर हैं।
महत्वपूर्ण तथ्यः रिपोर्ट में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर अध्ययन किया गया। समुद्री और स्थलीय संरक्षित क्षेत्र वैश्विक स्तर पर केवल 9.67% को कवर करते हैं।
- इनमें से अधिकांश संरक्षित क्षेत्र एक-दूसरे से अलग हो गए हैं, कई प्रजातियां अपने अस्तित्व के लिए मानव-प्रभुत्व वाले स्थानों (human-dominated spaces) और साझा परिदृश्यों (shared landscapes) पर निर्भर हैं।
- संरक्षित क्षेत्र प्रमुख प्रजातियों जैसे बड़े शिकार करने वाले जानवरों और शाकाहारी जीवों के अस्तित्व के लिए तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- भारत के बाघों के अलावा, 40% अफ्रीकी शेर क्षेत्र और 70% अफ्रीकी और एशियाई हाथी क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रें से बाहर हैं।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- 1 पश्चिमी घाट में दर्ज की गई घोंघे की नई प्रजाति
- 2 ध्रुवीय जीव विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग
- 3 देश की पहली हरित हाइड्रोजन परिवहन परियोजना
- 4 इम्वोलियो
- 5 पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के लिए माफ़ी योजना
- 6 बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु
- 7 सतत पर्यावास का लक्ष्यः ऊर्जा दक्षता निर्माण में नई पहल 2021
- 8 गुजरात साइंस सिटी एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी
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- 10 भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सुविधाएं मानचित्र परियोजना
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- 12 चंद्रमा के डगमगाने का प्रभाव
- 13 एनबीड्राइवर
- 14 हिमालयी याक का होगा बीमा
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- 17 पेगाससः जीरो-क्लिक अटैक
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