मध्य प्रदेश
इंदौर बना भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर
- भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को अब स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर घोषित किया गया है।
- इंदौर शहर को यह प्रमाणीकरण केंद्र सरकार से 11 अगस्त, 2021 को मिला था।
- यह प्रमाणीकरण नदियों और नालों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रदान किया जाता है।
- प्रमाणन प्राप्त करने के लिए मानदंडः किसी शहर को ‘वाटर प्लस’ तभी घोषित किया जा सकता है, जब घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से छोड़े गए सभी अपशिष्ट जल को संतोषजनक स्तर पर उपचारित किया जाए।
- सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि शहर का गंदा पानी किसी नदी या नाले में न जाए।
- दूसरा, शहर के सभी सार्वजनिक शौचालयों को सीवर
- लाइनों से जोड़ा जाना चाहिए और उन्हें साफ किया जाना चाहिए।
- इसके अलावा, शहर के 30» सीवर पानी को पुनर्चक्रित (recycle) और पुनः उपयोग (reuse) करने की
- आवश्यकता है।
स्वच्छ भारत मिशन के एक हिस्से के रूप में 2016 से स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू किया गया था। यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रलय द्वारा आयोजित, भारत के शहरों और कस्बों में स्वच्छता, आरोग्य और साफ-सफाई का एक वार्षिक सर्वेक्षण है। |
इन्हें भी जानें स्कूल बबल कर्नाटक सरकार द्वारा गठित कोविड -19 तकनीकी सलाहकार समिति ने ऑफलाइन कक्षाओं में भाग लेने वाले बच्चों (18 वर्ष से कम आयु के) में बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए ‘स्कूल बबल’ (school bubble) अवधारणा का प्रस्ताव दिया है। स्कूल बबल छात्रें की एक छोटी संख्या वाले समूहों के बीच किया गया वर्गीकरण हैं। अवधारणा के अनुसार, इस तरह के प्रत्येक बबल में वे छात्र शामिल होंगे, जो पूरे सत्र या एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान स्कूल समय में एक समूह में साथ रहेंगे। यदि उनमें से एक संक्रमित हो जाता है, तो उस समूह के अन्य बच्चे आइसोलेट हो सकते हैं, लेकिन स्कूल को पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता नहीं है। |