‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी - एक कुटुंब - एक भविष्य’ - महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। अनिवार्य रूप से, यह विषय सभी प्रकार के जीवन मूल्यों - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव तथा पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है।
यह विषय (थीम) व्यत्तिफ़गत जीवन शैली और राष्ट्रीय विकास दोनों स्तरों पर पर्यावरण की दृष्टि से धारणीय और जिम्मेदार विकल्पों से संबद्ध LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालता है, जिससे वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी कार्यों के परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरे-भरे और उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है।
भारत के लिए, G20 अध्यक्षता ‘अमृतकाल’ की शुरुआत है, जो 15 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से शुरू होकर एक भविष्यवादी, समृद्ध, समावेशी और विकसित समाज, जिसकी मुख्य विशेषता मानव-केंद्रित दृष्टिकोण है, के लिए अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी तक 25 वर्ष की अवधि है।