अनुमोदन : मार्च 2021 में
उद्देश्य: उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओ को प्रोत्साहन जो निर्धारित न्यूनतम बिक्री के साथ मजबूत भारतीय ब्रांडों के उद्भव को प्रोत्साहित करने के लिए प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार और विदेशों में ब्रांडिंग के लिए निवेश करना; वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैपियनों के निर्माण का समर्थन; वैश्विक दृश्यता और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में व्यापक स्वीकृति के लिए खाद्य उत्पादों के चुनिंदा भारतीय ब्रांड को मजबूत करना; ऑफ-फार्म नौकरियों के रोजगार के अवसर बढ़ाएं तथा कृषि उपज के लाभकारी मूल्य और किसानों को अधिक आय सुनिश्चित करना है।
लक्ष्य: इस योजना के कार्यान्वयन से 33,494 करोड़ रुपये का प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन उत्पन्न करने के लिए प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार और वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करने का लक्ष्य होगा।