प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना

शुरुआत: वर्ष 2020 में, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया गया था।

नोडल मंत्रालय: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

उद्देश्य: मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय, तकनीकी और कारोबारी सहायता प्रदान करना, तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण और हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों का क्षमता निर्माण करना; मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों हेतु ऋण की उपलब्धता बढ़ाना तथा किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक सहकारी समितियों और अन्य सहकारी समितियों को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता प्रदान करना है।

  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है।
वित्तापोषण : केंद्र और राज्यों के मध्य 60:40 अनुपात में, केंद्र एवं पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के बीच 90:10 के अनुपात में तथा अन्य संघ राज्य क्षेत्रों के मामले में केंद्र 100 प्रतिशत व्यय का वहन करेगा।