गुट निरपेक्षता

भारत की गुटनिरपेक्षता से अर्थ है कि हर विषय को उस समय की परिस्थितियों के संदर्भ में योग्यता के अनुसार आंकना तथा विश्व शांति और अन्य उद्देश्यों के संदर्भ में उचित निर्णय लेना। गुटनिरपेक्षता का अर्थ है अपने आपको सैनिक गुटों से दूर रखना तथा जहां तक सम्भव हो तथ्यों को सैनिक दृष्टि से न देखना।

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सम्पूर्ण विश्व का दो गुटों - पूंजीवादी गुट तथा साम्यवादी गुट में बंट जाना एक महत्वपूर्ण घटना थी।
  • इसने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में शीत-युद्ध की अवधारणा को जन्म दिया। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के कर्नर नासिर तथा युगोस्लाविया के नेता मार्शल टीटो ने 1961 में गुटनिरपेक्षता की नीति को सुदृढ़ आधार प्रदान किया।
  • यह सभी प्रकार के सैनिक राजनीतिक सुरक्षा संधियों तथा गठबंधनों के विरोध की नीति है; जैसे सीटो, नाटो वारसा। यह शीत युद्ध का विरोध करती है या शांतिपूर्ण सहस्तित्व की नीति है। यह स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने वाली नीति है। यह अलगाववाद तथा तटस्थता का विरोध करने वाली नीति है। यह राष्ट्रीय हितों को प्राप्त करने का कुटनीतिक साधन नहीं है।