मामलेः दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 437 की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी कि यह अनुच्छेद 15(1) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
न्यायालय का निर्णयः इस मामले को सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया कि यह वैध है, क्योंकि यह महिलाओं के लिए विशेष उपबंध करता है तथा संविधान के अनुच्छेद 15(3) द्वारा संरक्षित है।