गाडगिल समिति ने कृषि क्षेत्रों में कीटनाशकों और जीन संवर्द्धित बीजों के उपयोग पर रोक लगाने से लेकर पनबिजली परियोजनाओं को हतोत्साहित करने और वृक्षारोपण के बजाय प्राकृतिक वानिकी को प्रोत्साहन देने की सिफारिशें की थीं।
इसके अलावा 20,000 वर्ग मीटर से अधिक बड़ी इमारतों के निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
गाडगिल समिति ने प्रस्तावित किया था कि इस पूरे क्षेत्र को ‘पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र’ (ESA) के रूप में नामित किया जाए। लेकिन किसी भी सम्बन्धित राज्य ने गाडगिल समिति की सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया था।