हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से जबरन धर्मांतरण के मुद्दे से निपटने के लिये गंभीरतापूर्वक कदम उठाने को कहा है। इस याचिका में एक स्पष्टीकरण की मांग की गई थी कि ‘धमकी देकर, धोखे से उपहार और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धर्मांतरण’ संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन माना जाना चाहिये।