विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन-2021

फरवरी, 2021 के मध्य 20वां विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया गया।

  • इस शिखर सम्मेलन का विषय (Theme) है ‘हमारे सामान्य भविष्य को पुनर्परिभाषित करनाः सभी के लिए सुरक्षित और संरक्षित वातावरण’ (Redefining our Common Future: Safe and Secure Environment for all)। यह द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) का प्रमुख कार्यक्रम है।
  • ‘जलवायु न्याय’ एक शब्द से अधिक एक आंदोलन है जो यह स्वीकार करता है कि वंचित वर्ग पर जलवायु परिवर्तन का सामाजिक, आर्थिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  • भारत के अनुसार, ‘जलवायु न्याय’ ट्रस्टीशिप के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिसके तहत विकास के साथ-साथ वंचित वर्ग के प्रति सहानुभूति का उत्तरदायित्त्व भी बढ़ जाता है।
  • भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपने लक्ष्यों के लिये की गई प्रतिबद्धताओं को दोहराया है, जिसके तहत भारत के सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से 33-35 प्रतिशत तक कम करने की बात कही गई है।
  • इस दौरान भूमि क्षरण तटस्थता के लिये भारत की प्रतिबद्धता और वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिये भारत की निरंतर प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया।
  • इस सम्मेलन के दौरान अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) के तहत भारत की पहल पर भी चर्चा की गई।
  • भारत के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इस शिखर सम्मेलन के प्रमुख भागीदार हैं।
  • इस सम्मेलन के दौरान चर्चा किए जाने वाले प्रमुख विषयों में ऊर्जा एवं उद्योग परिवर्तन अनुकूलन तथा लचीलापन प्रकृति आधारित समाधान, जलवायु वित्त चक्रीय अर्थव्यवस्था, स्वच्छ महासागर और वायु प्रदूषण शामिल हैं।
  • इसमें कई देशों की सरकारें, बिजनेस लीडर्स, शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, युवा और सामाजिक संगठन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े होंगे।

सतत् विकास की दिशा में भारत के प्रयास

  • मार्च 2019 में भारत ने स्थायी प्रौद्योगिकियों और अभिनव मॉडलों के माध्यम से लगभग 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया।
  • उजाला कार्यक्रम के माध्यम से 367 मिलियन एलईडी बल्ब वितरित किये गए जिसने प्रतिवर्ष 38 मिलियन टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया है।
  • पीएम उज्ज्वला योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे रह रहे 80 मिलियन से अधिक परिवारों को भोजन पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराया गया। भारत अपने ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6% से बढ़ाकर 15% करने की दिशा में काम कर रहा है।
  • जल जीवन मिशन के तहत 18 महीनों में 34 मिलियन से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन से जोड़ा गया है।
  • संरक्षण प्रयासों के परिणामस्वरूप शेर, बाघ, तेंदुए और गंगा नदी डॉल्फिन की आबादी में वृद्धि हुई है।