उभयलिंग व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019

ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 समाज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

प्रमुख विशेषता

1. विभेद का प्रतिषेधः यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, जिसमें निम्नलिखित को सम्मिलित किया गया हैः

  1. शिक्षा,
  2. नियोजन,
  3. स्वास्थ्य देखभाल,
  4. जन साधारण के लिए उपलब्ध वस्तुओं, सुविधाएं, अवसर तक पहुंच या उपभोग,
  5. संचलन का अधिकार,
  6. निवास करने, किराए पर लेने या अन्यथा किसी संपत्ति में को अधिभोग में लेने का अधिकार,
  7. सार्वजनिक या निजी पद धारण करने का अवसर, तथा
  8. सरकारी या निजी संस्थान तक पहुंच, जिसकी देखरेख व अभिरक्षा ट्रांसजेंडर व्यक्ति द्वारा की जाती है।

2. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के पहचानः ट्रांसजेंडर व्यक्ति जिलाधिकारी को, ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन कर सकता है। पुनरीक्षित प्रमाणपत्र तभी जारी किया जा सकता है, यदि व्यक्ति ने या तो पुरुष या महिला के रूप में अपने लिंग में परिवर्तन हेतु शल्यक्रिया नहीं कराया है।

3. सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायः समाज में ट्रांसजेंडर के पूर्ण समावेशन एवं भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के बचाव एवं पुनर्वास, व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं स्वरोजगार के लिए कदम उठाएगी, ऐसी योजनाएं बनाएगी जो ट्रांसजेंडर से सम्बन्धित हों तथा सांस्कृतिक क्रियाकलापों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देगी।

4. अपराध व दंडः निम्नलिखित अपराधों के लिए छः महीने से लेकर दो वर्ष तक दंड और जुर्माना है-

  1. बलपूर्वक या बंधुआ मजदूरी करवाना (इसमें लोक प्रयोजनों के लिए अनिवार्य सेवा सम्मिलित नहीं है),
  2. उन्हें सार्वजनिक स्थान का उपयोग करने से रोकना,
  3. उन्हें गृहस्थी, ग्राम या निवास इत्यादि छोड़ने के लिए विवश करना
  4. उनका शारीरिक, लैंगिक, मौखिक, भावनात्मक तथा आर्थिक उत्पीड़न करना।