भारत और भूटान के बीच 605 किलोमीटर लंबी सीमा है तथा वर्ष 1949 में हुई संधि की वजह से भूटान की अंतर्राष्ट्रीय, वित्तीय और रक्षा नीति पर भारत का प्रभाव रहा है। ऐसे में चीन के विस्तारवादी रुख के मद्देनजर भूटान की सीमाओं को सुरक्षित रखना जरूरी है क्योंकि इससे न केवल भूटान को बल्कि उत्तरी बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश को भी खतरा हो सकता है।