आर्थिक मुद्दा

वर्ष 1954-2019 के बीच, तिब्बत पर चीन के लगातार आधिपत्य से भारतीय करदाताओं को 462.8 अबर अमेरिकी डॉलर (मुद्रास्फीति और विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के समायोजन के बिना) अर्थात् प्रत्येक वर्ष लगभग 7.16 अरब अमेरिकी डॉलर की क्षति हुई है।

  • हाल के दिनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control: LAC) के आस-पास बढ़ती घुसपैठ तथा वर्ष 2018 में वुहान सम्मेलन और वर्ष 2019 में चेन्नई कनेक्ट के दौरान निर्मित विश्वास के समाप्त होने के कारण, विगत कुछ महीनों में भारत व चीन के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को अत्यधिक हानि हुई है।

चीन की व्यापार संरक्षणवादी नीतिः यह भारतीय कंपनियों को चीन के बाजारों में प्रवेश करने में बाधा उत्पन्न करता है। व्यापार घाटों को कम करने के लिए भारत, चीन में निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय IT, फार्मास्युटिकल्स और कृषि उत्पादों के लिए चीन के बाजारों में पहुंच बनाने पर बल दे रहा है।

  • चीन में काम कर रही कंपनियों द्वारा यह शिकायत की जाती रही है कि उन्हें चीन के बाजारों में उचित पहुंच प्राप्त नहीं है और उन्हें अत्यधिक प्रतिबंधात्मक विनियामकीय प्रक्रियाओं द्वारा बाधित किया जाता है।