सूक्ष्म, लघु, मधय उद्यम ऋणों का पुनर्गठन

RBI ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित छोटे व्यवसायियों के लिए ऋणों के पुनर्गठन की अनुमति दी है।

  • एमएसएमई के ऐसे ऋण जो डिफॉल्ट थे लेकिन 1 जनवरी, 2019 को ‘मानक/ स्टैंडर्ड’ थे, को कुछ शर्तों के तहत संपत्ति वर्गीकरण के दर्जे में कमी किए बिना, एक बार पुनर्गठन की अनुमति थी। 1 जनवरी, 2019 तक उधारकर्ताओं पर बैंकों और एनबीएफसी का कुल जोखिम (गैर-निधि आधरित सुविधाओं समेत) 25 करोड़ रुपयों से अधिक न हो। उधार लेने वाली संस्था को जीएसटी पंजीकृत होना चाहिए।
  • यह शर्त उन एमएसएमई पर लागू नहीं होगा, जिन्हें जीएसटी-पंजीकरण से छूट दी गई है। कोविड-19 के कारण होने वाली गिरावट को देखते हुए व्यवहार्य एमएसएमई इकाइयों को सहयोग प्रदान करने के लिए 1 जनवरी, 2019 की कट-ऑफ तिथि को 1 मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया गया था। बैंकों को 31 मार्च, 2021 तक पुनर्गठन लागू करना होगा।