पावर फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन को महारत्न का दर्जा

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया है।

  • भारत में कुल 8 महारत्न कंपनियां थीं, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इस सूची में जुड़ने के बाद इनकी संख्या 11 हो गई है।
  • कंपनी को पिछले 3 वर्षों के दौरान असाधारण वित्तीय प्रदर्शन के कारण ‘महारत्न’ का यह दर्जा मिला है।

लाभ

  • पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन को महारत्न का दर्जा देने से वित्तीय निर्णय लेने के दौरान PFC के बोर्ड को और अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
  • महारत्न की बढ़ी हुई शक्ति के साथ, PFC आगे चलकर, सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, अपने व्यवसाय के विकास में और तेजी लाने और बिजली क्षेत्र के समग्र विकास के लिए इस स्थिति का लाभ उठाने तथा कार्यों में विविधता लाने में सक्षम होगा।
  • यह भारत और विदेशों में विलय और अधिग्रहण भी कर सकता है, जो संबंधित CPSE के निवल मूल्य के 15% की सीमा के अधीन है, जो किसी भी प्रोजेक्ट में 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित है।
  • ज्ञात हो कि पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की स्थापना वर्ष, 1986 में हुई थी। यह सबसे बड़ी इफ्रॉस्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी है जो बिजली मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत बिजली क्षेत्र को समर्पित है।