भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति पर रिपोर्ट 2020-21
यह रिपोर्ट वर्ष 2020-21 और 2021-22 की अब तक की अवधि के दौरान सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं सहित बैंकिंग क्षेत्र के कार्य निष्पादन को प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएं
वर्ष 2020-21 के दौरान महामारी और उसके परिणामस्वरूप आर्थिक गतिविधियों में संकुचन के बावजूद, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) के समेकित तुलना पत्र के आकार में विस्तार हुआ।
अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत नई दिवाला कार्यवाही की शुरुआत मार्च, 2021 तक एक वर्ष के लिए निलंबित कर दी गई थी, परंतु यह वसूली गई राशि के मामले में पुनः प्राप्ति के प्रमुख तरीकों में से एक है। 2020-21 में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की तुलना पत्र में वृद्धि जमाओं से प्रेरित थी, जबकि कमजोर ऋण वृद्धि के कारण निवेश में तेजी आई। पूंजी की स्थिति और लाभप्रदता सहित उनके वित्तीय संकेतकों में सुधार हुआ। रिपोर्ट भारत के वित्तीय क्षेत्र के लिए विकसित हो रही संभावनाएं प्रस्तुत करती है।