रिपोर्ट/समिति/सूचकांक

मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु कमिटी गठितः वर्ष 2019 में धन-शोधन से जुड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की। सरकारी अधिसूचना के अनुसार इस समिति का काम धन शोधन को रोकने के लिए विभिन्न विभागों, मंत्रालयों और कानून अनुपालन एजेंसियों के बीच समन्वय बनाना है।

  • इस समिति में 19 सदस्य शामिल हैं। इसमें वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सचिव समेत पांच सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इसके अलावा विभिन्न नियामकों और जांच एजेंसियों के प्रमुख भी इसमें शामिल हैं। समिति का काम सरकार और कानून अनुपालन एजेंसियों के बीच सिर्फ समन्वय बनान नहीं होगा, बल्कि समिति मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम और आतंकवाद के लिए वित्तपोषण को रोकने से जुड़ी नीतियों के विकास और लागू करने का भी काम करेगी।
  • समिति में राजस्व सचिव के अलावा वित्तीय सेवा विभाग, आर्थिक मामले विभाग, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सचिव शामिल हैं। इसके अलावा गृह मामलों के आसूचना ब्यूरो के निदेशक, सेबी के चेयरमैन, इरडा के चेयरमैन, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर (बैंकिंग नियमन), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन, गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), सदस्य (बैंकिंग एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण), डाक विभाग के सदस्य भी शामिल हैं।
  • प्रवर्तन एजेंसियों में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक, वित्तीय आसूचना इकाई-भारत के निदेशक, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय के निदेशक और आर्थिक आसूचना ब्यूरो के महानिदेशक भी इसमें शामिल होंगे।
  • राजस्व विभाग का वित्तीय कार्रवाई कार्यबल प्रकोष्ठ इस समिति के सचिवालय का काम करेगा। सरकार ने धन शोधन रोधक अधिनियम 2002 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए इस समिति का गठन किया है।