भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018

यह आर्थिक अपराधियों से सम्बन्धित विधेयक है तथा उन अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान करता है, जिन्होंने आपराधिक मुकदमे का सामना करने से बचने के लिये देश छोड़ दिया है या अभियोजन का सामना करने के लिये देश लौटने से इनकार कर दिया है।

  • भगोड़ा अपराधी एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके खिलाफ अनुसूची में दर्ज किसी अपराध के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और इस अपराध का मूल्य कम-से-कम 100 करोड़ रुपए है।
  • अधिनियम में सूचीबद्ध कुछ अपराध निम्न हैं:
    • नकली सरकारी स्टाम्प या करेंसी बनाना,
    • चेक अस्वीकृत करना
    • मनी लॉन्ड्रिंग
    • क्रेडिटर्स के साथ धोखाधड़ी वाले लेनदेन करना,
  • एक विशेष अदालत (PMLA, 2002 के तहत नामित) किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है।
  • भारत में विजय माल्या, नीरव मोदी तथा मेहुल चौकसी द्वारा कथित तौर पर की गई धोखाधड़ी के कारण ` 22,585.83 करोड़ का नुकसान हुआ है तथा भारत सरकार द्वारा इन तीनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMस्।) के तहत मुंबई के विशेष न्यायालय द्वारा ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी (थ्म्व्)’ घोषित किया गया है।