पाकिस्तान ने सेण्टो (Central Treaty Organization -1955) जैसे सैनिक संगठनों का सदस्य बनाकर शीत-युद्ध को भारत के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया।
तुलबुल जल परिवहन परियोजनाः भारत ने 1984 में तुलबुल जल परिवहन परियोजना को प्रारम्भ किया था। इस परियोजना का उद्देश्य सूखे के मौसम में झेलम नदी के पानी को नियन्त्रित कर वूलर झील और सुपोर क्षेत्र के बीच पानी की मात्रा बनाए रखना है, जिससे वर्ष भर इस क्षेत्र में जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सके। पाकिस्तान शुरू से ही इस परियोजना का विरोध करता रहा है।
सर क्रीक विवादः सर क्रीक गुजरात में कच्छ की खाड़ी और पाकिस्तान में सिन्ध की सीमा पर स्थित एक 60 किमी. का ज्वारीय नदी चैनल है। इस क्षेत्र में कई क्रीक हैं, जिनके नाम कन्हर, पडाला, कोरी, आदि हैं। सर क्रीक की विशेषता है कि यह भारत-पाक सीमा के बीच स्थित है और यह किस देश की सीमा में आता है, अभी तक निर्धारित नहीं हो पाया है।
सियाचीन विवादः सागर तल से लगभग 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर लगभग 10 किमी क्षेत्र में फैला, हिमालय में भारत-पाक- चीन सीमा पर स्थित सियाचिन हिमनद का उचित सीमा निर्धारण नहीं किए जा सकने के कारण भारत-पाक के बीच विवाद मुद्दा बना हुआ है।
चीन का सिक्यांग क्षेत्रः अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के स्थानों की निगरानी रखे जाने के लिहाज से इस क्षेत्र का अत्यंत सामरिक महत्व है। यह क्षेत्र पाक अधिकृत कश्मीर एवं पाकिस्तान द्वारा चीन को हस्तांतरित भूमि के बीच अवस्थित त्रिकोणीय क्षेत्र है। यह क्षेत्र अत्यंत ठंडी जलवायुवीय दशाओं में अवस्थित है, इस वजह से यहां पर बिना युद्ध किए ही सैनिकों की मृत्यु कभी बर्फीले तूफान में दबकर, कभी ठंड से हो जाती है। इसी कारणवश इस क्षेत्र के असैन्यीकरण की बात को विभिन्न मंचों पर उठाया जा रहा है। हालांकि अभी तक इस पर सहमति नहीं बनी है।
सिंधु जल बंटवाराः भारत-पाक दोनों देशों की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। ऐसे में दोनों देशों में हिमालय से निकलने वाली सदावाहिनी नदियों के बीच जल का न्यायपूर्ण वितरण नहीं हो पाया है। भारत एक ऊपरी नदी तट देश है, वहीं पाकिस्तान एक निम्न नदी तट देश है।
इस मुद्दे को कई परियोजनाओं में अभिव्यक्त किया गया हैः
किशनगंगा जलविद्युत परियोजना (KYP), झेलमः पाकिस्तान ने इस परियोजना के निर्माण का आरंभ से ही विरोध किया है। साथ ही, पाकिस्तान ने इस संबंध में अपने पक्ष को लेकर विश्व बैंक से भी संपर्क किया है।
रतले जलविद्युत परियोजना, चिनाबः इस संधि में निर्दिष्ट तकनीकी विनिर्देशों के अनुपालन के संदर्भ में इस परियोजना के डिजाइन को लेकर विश्व बैंक के साथ वार्ता जारी है।
अन्य परियोजनाएं: मारुसुदर नदी (चिनाब की सहायक नदी) पर पाकल दूल जलविद्युत परियोजना, मियारनाला नदी (चिनाब की सहायक नदी) पर मियार बांध और चिनाब पर लोअर कलनाई के संबंध में भी आपत्ति व्यक्त की गई है।