राष्ट्रीय पोषण मिशन

भारत सरकार द्वारा 1 दिसंबर, 2017 को राष्ट्रीय पोषण मिशन (NNM) के आरंभ की मंजूरी प्रदान की, जिसे 1 जनवरी, 2018 से शुरू किया गया। इसकी स्थापना के लिए नीति आयोग की

  • राष्ट्रीय पोषाहार रणनीति द्वारा रोडमैप तैयार किया गया, जो एक 10 सूत्री पोषण कार्य योजना है, जिसमें अभिशासन संबंधी सुधार शामिल है।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन भारत का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 2018 में बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
  • म्हिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस मिशन का नोडल मंत्रालय होगा। इसके साथ ही इसका क्रियान्वयन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग किया जाएगा।

मिशन का लक्ष्यः इस मिशन के तहत प्रतिवर्ष बौनापन (स्टंटिंग) या अल्पविकास, अल्पपोषण और जन्म के समय अल्पभार वाले बच्चों में 2 प्रतिशत और एनीमिया में 3 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है।

  • इसके तहत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और किशोरियों पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • इसे तीन चरणों 2017-18, 2018-19 2019-2020 में लागू करने का प्रावधान किया गया है।

मिशन की विशेषताएं: NNM एक शीर्षस्थ संस्था है, जो मिशन की निगरानी, पर्यवेक्षण एवं लक्ष्यों को निर्धारित करेगा तथा पोषण संबंधी हस्तक्षेपों को निर्देशित करने के साथ ही साथ कुपोषण के तहत योगदान करने वाली विभिन्न योजनाओं की मैपिंग करेगा।

  • लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राज्यों / संघ शासित प्रदेशों को प्रोत्साहन देगा।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को IT आधारित उपकरणों का उपयोग करने और रजिस्टरों के उपयोग की आवश्यकता को समाप्त करने हेतु प्रोत्साहित करना।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की लम्बाई की मापन का व्यवस्था करना।
  • बच्चों की स्वास्थ्य प्रगति की निगरानी हेतु सामाजिक लेखा परिक्षा करना।
  • पोषण संसाधन केंद्र की स्थापना करना तथा जन-आंदोलनों के द्वारा लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

राष्ट्रीय पोषण माह

  • प्रत्येक वर्ष सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस माह में पोषण जागरूकता और पोषण अभियान से संबंधित गतिविधियों को सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा जमीनी स्तर पर संपन्न किया जाता है।