इस योजना के तहत एक ओर बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाती है तो दूसरी ओर कुपोषण की समस्या, पढ़ने की अल्पक्षमता, मृत्यु, अस्वस्थता, स्वास्थ्य जांच आदि से निपटने पर ध्यान दिया जा रहा है।
यह केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम है। यह राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किया जा रहा है।
महिलाओं को नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उन्हें 0 से 6 माह तक के बच्चों को स्तनपान कराना तथा उसके उपरान्त जरूरी स्तनपान कराने के लिए जागरुक किया जा रहा है।
नवजात शिशु तथा बाल्यावस्था की बीमारियों का एकीकृत प्रबंधन (Integrated Management of Neonatal and Childhood Illness) के अंतर्गत कुपोषण तथा सामान्य बाल्यावस्था की बीमारी के प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। बच्चों की गंभीर कुपोषण तथा पोषण राहत के लिए पोषण राहत केंद्रों की विशेष इकाइयां गठित की गई हैं। वर्तमान में 875 इकाइयां पूरे देश में कार्य कर रही हैं।