मध्याह्न भोजन योजना

हाल ही में, सरकार ने एकमुश्त कोविड-19 राहत के रूप में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए मध्या“न भोजन (मिड-डे मील) योजना में खाना पकाने के लागत घटक के अपने हिस्से को प्रत्यक्षतः उनके बैंक खातों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

मध्याह्न भोजन योजना

  • केन्द्र सरकार द्वारा 1995 में आरंभ इस योजना का नाम परिवर्तित कर 2021 में पीएम पोषण योजना कर दिया गया है।
  • विद्यालयों में राष्ट्रीय मध्या“न भोजन कार्यक्रम शिक्षा मंत्रलय की एक केंद्र प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme: CSS) है।
  • उद्देश्यः बच्चों के नामांकन, प्रतिधारण (अर्थात् विद्यालयों में उनके बने रहने) और उपस्थिति को बढ़ाने के साथ-साथ उनके पोषण में सुधार के प्रयोजनार्थ सभी स्तरों पर शिक्षार्थियों को विद्यालय में भोजन उपलब्ध करवाना है।
  • यह विश्व का सबसे बड़ा विद्यालय में भोजन कार्यक्रम है।
  • मध्या“न भोजन योजना के तहत आने वाले बच्चे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत भी खाद्य के हकदार हैं।
  • मध्या“न भोजन योजना के तहत, केंद्र और राज्य सरकारें दोनों प्रतिदिन भोजन की लागत को साझा करती हैं।

अन्य प्रमुख तथ्यः कोविड-19 के कारण, देश भर में कई सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय विगत कई महीनों से बंद हैं। इससे विद्यालयी छात्र मध्या“न भोजन योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले उनके दैनिक गर्म व पके भोजन से वंचित हो गए हैं।

  • यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और चुनौतीपूर्ण महामारी के इस दौर में उनकी प्रतिरक्षा (Immunity) बढ़ाने में भी सहायता करेगा।
  • यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्रत खाद्यान्न वितरण की घोषणा के अतिरिक्त है।