महापत्तन प्राधिकरण अधिनियम 2021

यह अधिनियम पत्तन अवसंरचना के विस्तार को बढ़ावा देने तथा व्यापार तथा वाणिज्य को सुगम बनाने हेतु लाया गया है। यह निर्णय प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करने तथा प्रमुख पत्तनाें के प्रवंधन में व्यवसायीकरण को बढ़ाबा प्रदान करने हेतु लाया गया है। इसका प्रमुख उद्देश्य पतनों के संचालन में पारदर्शिता लाना है।

  • यह विधेयक चेन्नई, कोचीन, जवाहरलाल नेहरु पत्तन, कांडला, कोलकाता, मुंबई, न्यू मंगलोर, मुरगांव, पारादीप, वी ओ चिदंबरनार और विशाखापत्तनम के प्रमुख पत्तनों पर लागू होगा?

विशेषताः इस विधेयक में महापत्तन प्राधिकरण बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है ये बोर्ड मौजूदा बंदरगाह न्यासों का स्थान लेंगे।

  • विश्व स्तर पर सफल कार्य प्रणाली के अनुरूप, केन्द्रीय पत्तनो के प्रबंधन मॉडल को लेंडलार्ड पोर्ट मॉडल में परिवर्तित करना
  • एक महापत्तन प्रशुल्क प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
  • पोर्ट प्राधिकरण द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (ब्ैत्) और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रावधान किये गए हैं।
  • यह देश के आत्मनिर्भर भारत (।ंजउंदपतइींत ठींतंज) के दृष्टिकोण के अनुरूप है और यह भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा क्यूंकि कुल कार्गो आवाजाही का 70% और मूल्य का 90% बंदरगाहों के माध्यम से होता है।