भारत की आजादी के बाद 8 अगस्त, 1949 को भारत और भूटान के बीच दार्जिलिंग में एक संधि पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें अनेक प्रावधान शामिल थे।
काफी लंबे समय तक इस संधि के जारी रहने के बाद भूटान के आग्रह पर 8 फरवरी, 2007 को इसमें बदलाव कर इसे अद्यतन बनाया गया। अद्यतन संधि में यह उल्लेख है कि भारत और भूटान के बीच स्थायी शांति एवं मैत्री होगी।
1949 में भारत-भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान को वह सारी जमीन लौटा दी, जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते ने ही भारत-भूटान के मध्य मैत्री संधि का रूप लिया।
भारत-भूटान मैत्री संधि 1949 में हुए समझौते के तहत भारत भूटान एक-दूसरे की संप्रभुता एवं परस्पर सम्मान को अक्षुण्ण रखेंगे। साथ ही इस संधि के तहत भारत को भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई।
समय के बदलते स्वरूप के साथ इस संधि को भी परिवर्तित करने की आवश्यकता महसूस हुई। यही वजह है कि फरवरी, 2007 में इस संधि को नवीकृत किया गया।
इस नवीकृत संधि में विदेश नीति, रक्षा नीति के निर्धारण में भारत ने स्वयं की भूमिका को काफी सीमित किया तथा भूटान ने भी यह आश्वासन दिया कि वह भी अपनी विदेश नीति के निर्धारण में भारत के हितों का ध्यान रखेगा।