यह एक गैर-अंशदायी वृद्धावस्था पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले वृद्धजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर सम्मानपूर्वक जीवन-यापन करने हेतु सहयोग देना है।
गरीबी उन्मूलन से संबंधित कार्यक्रम |
||
योजना के नाम |
उद्देश्य |
वर्ष |
ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम (आरएलईजीपी) |
इसका उद्देश्य भूमिहीन किसानों और मजदूरों को रोजगार प्रदान करना था। |
1983 |
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना |
इसका उद्देश्य स्वरोजगार उपक्रमों या मजदूरी के प्रावधान के माध्यम से शहरी बेरोजगार या अर्द्ध-बेरोजगारों को लाभकारी रोजगार उपलब्ध करवाना है। |
1997 |
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) |
इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले गरीब परिवारों की सहायता करना था। |
1999 |
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) |
भारत में गरीबों को सब्सिडी वाले खाद्य और गैर-खाद्य पदार्थों का वितरण। |
1992 |
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस) |
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के मुख्य सदस्य की मृत्यु हो जाने पर परिजनों को वित्तीय मुआवजा प्रदान करना। |
1995 |
काम के बदले भोजन कार्यक्रम |
यह आठ राज्यों के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में मजदूरी रोजगार के माध्यम से भोजन प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। |
2001 |
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) |
यह जवाहर ग्राम समृद्धि योजना और रोजगार आश्वासन योजना के विलय कर शुरू किया गया। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त मजदूरी रोजगार प्रदान करना था। |
सितंबर 2001 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) |
इसका उद्देश्य नई स्वरोजगार उपक्रमों, परियोजनाओं या सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करते हुए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना। |
15 अगस्त 2008 |
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) |
इसका उद्देश्य वंचित वर्गों जैसे कमजोर वर्गों और कम आय वर्गों को विभिन्न वित्तीय सेवाएं जैसे मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित ऋण की उपलब्धता, विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराना है। यह वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है। |
अगस्त 2014 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) |
यह कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय के द्वारा चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है, जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके। इसके तहत सरकार कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्रॉप आउट युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देती है। |
2015 |