भारत तथा 5 जी तकनीक

भारत ने 2018 में, 5 जी सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू करने की योजना बनाई थी। इस योजना का उद्देश्य बेहतर नेटवर्क की गति का प्रयोग कर विकास को बढ़ावा देना था।

  • सभी तीन निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल और वोडाफोन इंडिया, दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम आवंटन और 5G फ्रीक्वेंसी बैंड का एक स्पष्ट रोड मैप बनाने का आग्रह कर रहे हैं। जिससे ये आगे की रणनीति निर्मित कर सके। हालांकि भारती एयरटेल और वोडाफोन इंडिया पूंजी की अपर्याप्तता से ग्रस्त हैं जो एक बड़ी समस्या बन रहा है।
  • भारत के दूरसंचार के क्षेत्र में लगातार विदेशी निवेश भी बढ़ रहे हैं। हाल ही में रिलायंस जियो में फेसबुक सहित कई कंपनियों ने निवेश किये हैं।
  • भारत एक युवा जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्थिति में 5जी के सर्वाधिक उपयोगकर्ता भारत में ही होंगे।
  • लगातार सरकार द्वारा 5जी के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
  • भारत लगातार अपने द्विपक्षीय अथवा बहुपक्षीय समझौतों में 5 जी के विकास को जोर दे रहा है। इसी सन्दर्भ में भारत द्वारा इजराइल तथा अमेरिका के साथ 5 जी तकनीकी के विकास के लिए समझौते किये गए हैं।
  • भारत की नवीन शिक्षा नीति में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे तकनीकों के लिए स्थान दिया गया है।
  • इन नवीन प्रौद्योगिकियों के लिए लक्षित संस्थाओं के निर्माण की बात की गई है।

5जी प्रौद्योगिकी की विशेषताएँ

5जी में बैंड्स- 5G मुख्य रूप से 3 बैंड (लो, मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम) में कार्य करता है, जिसमें सभी के बैंड्स के कुछ विशिष्ट उपयोग और कुछ विशिष्ट सीमाएं हैं।

लो बैंड स्पेक्ट्रम (Low Band Spectrum): इसमें इंटरनेट की गति और डेटा के इंटरैक्शन-प्रदान की अधिकतम गति 100Mbps (प्रति सेकंड मेगाबिट्स) तक होती है।

मिड बैंड स्पेक्ट्रम (Mid-Band Spectrum): इसमें लो बैंड के स्पेक्ट्रम की तुलना में इंटरनेट की गति अधिक होती है, फिर भी इसके कवरेज क्षेत्र और सिग्नलों की कुछ सीमाएं हैं।

हाई बैंड स्पेक्ट्रम (High-Band Spectrum): इसमें उपरोक्त अन्य दो बैंड्स की तुलना में उच्च गति होती है, लेकिन कवरेज और सिग्नल भेदन की क्षमता बेहद सीमित होती है।

उन्नत LTE: 5जी ‘लॉन्ग-टर्म एवोलूशन’ (LTE) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क में सबसे नवीनतम अपग्रेड है।

इंटरनेट स्पीड और दक्षताः 5जी के हाई-बैंड स्पेक्ट्रम में इंटरनेट की स्पीड को 20 Gbps (प्रति सेकंड गीगाबिट्स) तक दर्ज किया गया है, जबकि 4G में इंटरनेट की अधिकतम स्पीड 1 Gbps होती है।

  • 5G तीन गुना अधिक स्पेक्ट्रम दक्षता और अल्ट्रा लो लेटेंसी प्रदान करेगा।
  • लेटेंसी, नेटवर्किंग से संबंधित एक शब्द है। एक नोड से दूसरे नोड तक जाने में किसी डेटा पैकेट द्वारा लिये गए कुल समय को लेटेंसी कहते हैं। लेटेंसी समय अंतराल या देरी को संदर्भित करता है।

5G तकनीक

  • 5G तकनीक अगली पीढ़ी की सेलुलर तकनीक है जो अल्ट्रा-लो लेटेंसी (Ultra low latency) के साथ तेज और अधिक विश्वसनीय संचार प्रदान करेगी।
  • 5G तकनीक में पीक नेटवर्क डेटा स्पीड 2 से 20 गीगाबाइट प्रति सेकंड की सीमा में होने की उम्मीद है।
  • हालांकि 2021 के प्रारंभ में हैदराबाद में की गई टेस्टिंग के दौरान इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 310 एमबीपीएस की रही, वहीं 5G मोड में अपलोड की स्पीड 65 एमबीपीएस थी।
  • 5G तकनीक लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (Long-Term Evolution- LTE) मोबाइल ब्रॉडबैंड की अगली पीढ़ी है।
  • 5G नेटवर्क के मिलीमीटर तरंग स्पेक्ट्रम (Millimeter wave spectrum) का उपयोग उच्च गति वाले वायरलेस संचार के लिए किया जा सकता है।