वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2021

नवंबर 2021 में जारी वैश्विक पोषण रिपोर्ट (GNR), 2021 के अनुसार विश्व अभी भी पोषण संकट का सामना कर रहा है।

प्रमुख निष्कर्षः वैश्विक स्तर पर, ठिगनापन, दुबलापन, रक्ताल्पता, जन्म के समय कम वजन और बचपन के मोटापे की समस्या से निपटने वाले छह में से पांच वैश्विक मातृक, नवजात और छोटे बच्चों के पोषण (MIYCN) लक्ष्य अभी प्राप्त करना कठिन हैं।

  • कोई भी देश वयस्क मोटापे में वृद्धि को रोकने या नमक के सेवन में कमी हासिल करने की दिशा में प्रगति नहीं कर रहा है।
  • कोविड-19 महामारी के प्रभावों ने वैश्विक पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति को प्रभावित किया है।

वर्ष 2025 तक माता, शिशु और छोटे बच्चों के पोषण का लक्ष्य

बच्चों में ठिगनापन

ठिगनेपन से ग्रस्त 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या में 40% की कमी करना।

एनीमिया (खून की कमी) प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया के मामलों में 50% की कमी करना।

जन्म के समय कम वजन

जन्म के समय कम वजन के मामलों में 30% की कमी करना।

बचपन में अधिक वजन

बचपन में अधिक वजन के मामलों में कोई वृद्धि नहीं होने देना।

स्तनपानः पहले छह महीनों में विशेष रूप से स्तनपान की दर को बढ़ाकर कम से कम 50% तक पहुंचाना।

बचपन में दुबलापन बचपन में दुबलापन को कम करना और 5% से कम बनाए रखना।

रिपोर्ट के अनुसार भारत की स्थितिः 15-49 आयु वर्ग की आधी से अधिक भारतीय महिलाएं रक्ताल्पता से पीड़ित हैं।

  • वर्ष 2016 में 52-6% महिलाएं रक्ताल्पता से पीड़ित थीं। वर्ष 2020 में ऐसी भारतीय महिलाओं की संख्या बढ़कर 53% हो गई है।
  • भारत भी उन 23 देशों में शामिल है, जिन्होंने बाल दुबलेपन को कम करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं की है या जहां स्थिति और खराब हो रही है।
  • दुबलेपन से तात्पर्य उन बच्चों से है, जिनका वजन उनकी ऊंचाई के अनुसार कम है।
  • 5 वर्ष से कम आयु के 17% से अधिक भारतीय बच्चे दुबलेपन की समस्या से प्रभावित है। यह आंकड़ा एशिया के औसत से काफी अधिक है, जहां करीब 9% बच्चे प्रभावित हैं।
  • भारत में लगभग 6.2% वयस्क महिलाएं और 3.5% वयस्क पुरुष मोटापे के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
  • भारत उन 105 देशों में से एक हैं, जो शीघ्र ही बचपन में अतिवजन की समस्या को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने वाले हैं। इसके अतिरिक्त, उन 53 देशों में से भी एक है, जो जल्द ही ठिगनेपन के निवारण के लक्ष्य को प्राप्त करने वाले हैं।
  • भारत में 0-5 महीने के आयु वर्ग के लगभग 58% शिशुओं को अनन्य रूप से स्तनपान कराया जाता है।
  • भारत में ‘जन्म के समय कम वजन की समस्या’ के प्रसार पर पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है।

वैश्विक पोषण रिपोर्ट

  • GNR एक बहु-हितधारक पहल है। इसमें एक हितधारक समूह, स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह और सचिवालयी रिपोर्ट शामिल हैं।
  • वैश्विक पोषण रिपोर्ट की कल्पना वर्ष 2013 में प्रथम न्यूट्रिशन फॉर ग्रोथ एनिशिएटिव समिट (N4G) के बाद की गई थी। यह सरकारों, सहायता प्रदाताओं, नागरिक समाज, संयुक्त राष्ट्र और व्यवसायों में फैले 100 हितधारकों द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं पर नजर रखने के लिए एक तंत्र के रूप में स्थापित है।
  • GNR वैश्विक, क्षेत्रीय और विभिन्न देशों के मध्य विश्व की पोषण स्थिति के बारे में विवरण प्रदान करती है। साथ ही, अपने सभी रूपों में असंतुलित आहार और कुपोषण से निपटने के संघर्ष में सामना की जा रही चुनौतियों का आकलन करती है।
  • यह रिपोर्ट पोषण पर स्वतंत्र रूप से सटीक डेटा उपलब्ध कराती है। यह डेटा साक्ष्य-आधारित, समयबद्ध और प्रभावी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इससे देश अपने असंतुलित आहार और कुपोषण को समाप्त करने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता तथा इस संदर्भ में अपनी प्रगति का मूल्यांकन कर सकते हैं।