हाल ही में, जैव विविधता के लिए वित्तपोषण (F4B) की रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया भर में सार्वजनिक बैंक प्रकृति आधारित सेवाओं में अपने निवेश के कारण सालाना 800 बिलियन डॉलर की प्रकृति की क्षति के लिए उत्तरदायी हैं।
G20 देशों में, चीन और भारत में सबसे अधिक निर्भरता जोखिम (देशों की प्रकृति पर निर्भरता) है, जबकि भारत में सर्वाधिक प्रकृति जोखिम की स्थिति में है।
उदाहरण के लिए, भारत में नाबार्ड की अपनी बैलेंस शीट केवल कृषि पर ही निर्भर है।
यह अक्टूबर, 2019 में स्विट्जरलैंड स्थित MAVA फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया था और यह चिल्ड्रेन इंवेस्टमेंट फण्ड फाउंडेशन (CIFF) और गॉडवन एंड बेट्टी मूर फाउंडेशन से सहायता प्राप्त करता है। MAVA फाउंडेशन का उद्देश्य लोगों और प्रकृति के लाभ के लिए जैव विविधता का संक्षरण करना है।
इसका लक्ष्य वित्तीय निर्णय लेने में जैव विविधता की अहमियत को बढ़ाना और इस तरह प्रकृति संरक्षण और पुनर्स्थापना के साथ वैश्विक वित्त को बेहतर ढंग से संरेखित करना है।
इसका कार्य पांच धाराओं के अंतर्गत आयोजित किया जाता है बाजार दक्षता एवं नवाचार, बढ़ा हुआ दायित्व, नागरिक जुड़ाव, सार्वजनिक वित्त, प्रकृतिक बाजार।