केंद्रीय निगरानी समिति

देश भर में 350 से अधिक नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करने व उसे लागू करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने एक ‘केंद्रीय निगरानी समिति’ (Central Monitoring Committee) का हाल ही में गठन किया।

इन नदियों के प्रदूषण ने जल व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।

  • इस समिति में नीति आयोग का एक प्रतिनिधि, जल संसाधन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय व पर्यावरण मंत्रालय के सचिव; ‘स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन’ के महानिदेशक तथा ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ (CPCB) के अध्यक्ष शामिल होंगे।
  • सीपीसीबी का अध्यक्ष इसके समन्वय हेतु नोडल प्राधिकरण होगा। साथ ही विभिन्न सदस्यों में से सबसे वरिष्ठ व्यक्ति इसकी अध्यक्षता करेंगे।

केंद्रीय निगरानी समिति के कार्य

  • केंद्रीय निगरानी समिति राज्यों की ‘नदी कायाकल्प समितियों’ (River Rejuvenation Committees) के साथ समन्वय करेगी।
  • इसके अतिरिक्त समय-सीमा, बजटीय तंत्र और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं के निष्पादन की देखरेख भी करेगी।