यह 2017 में प्रारंभ किया गया, इसके अंतर्गत राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (SLSA) में तैनात वकीलों के एक विशेषज्ञ पैनल के माध्यम से कानूनी सलाह दी जाती है। इसके माध्यम से गुणवत्ता कानूनी सेवा देश के गरीब / जरूरतमंद नागरिकों को प्रदान की जा रही है।
यह सुविधा सीएससी में तैनात पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदान की जाती है।
ये पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) ग्रामीण नागरिकों के लिए पहला संपर्क बिंदु होंगे और कानूनी मुद्दों को समझने, वकीलों द्वारा दी गई सलाह को समझाने तथा उनकी सलाह के अनुसार मामलों में आगे की कार्रवाई में सहायता करेंगे।
परियोजना पूरे भारत में 1,800 पंचायतों में शुरू की गई है। दिसंबर 2019 तक 1,50,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,41,000 मामलों में सलाह दी है और बाकी प्रक्रिया में हैं।