इसे 2008-09 में 4 राज्यों- मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब और मिजोरम में एमजीएनआरईजी, एनएचआरएम आदि जैसी प्रमुख योजनाओं के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और समग्र केंद्र सरकार के वित्तीय प्रबंधन के साथ-साथ देश भर में विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन में ठोस सुधार लाना है।