प्रधानमंत्री जन-धान योजना (पीएमजेडीवाई)

इसे 2014 में शुरू किया गया था, दुनिया में किए जाने वाले अब तक के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के रूप में इसे देखा जाता है। पीएमजेडीवाई का उद्देश्य विभिन्न वित्तीय सेवाओं जैसे बुनियादी बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आधारित ऋण की आवश्यकता, अभिगम सुविधा, बीमा और पेंशन से कमजोर वर्गों और निम्न आय समूहों तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

उपलब्धियां

26 जनवरी, 2015 तक देश में 7.5 करोड़ परिवारों के लिए बैंक खाते खोलने के मूल लक्ष्य के संदर्भ में जुलाई, 2019 तक 36 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं।

  • 50% से अधिक खाताधारक महिलाएं हैं।
  • शून्य बैलेंस खाताधारक और निष्क्रिय खातों की संख्या समय के साथ कम हो गई है, जिससे पता चलता है कि लोग वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के लिए इन खातों का उपयोग कर रहे हैं।

चुनौतियां

  • इसमें एकमात्र दोष यह है कि पहले से ही एक खाते वाले लोगों ने योजना के साथ जुड़े लाभ (2 लाख की दुर्घटना बीमा और 10,000 की ओवरड्राफ्रट सीमा) के लालच में जन धन खाते खोले हैं।
  • पीएमजेडीवाई ने न केवल अनौपचारिक क्षेत्र को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में लाया है, बल्कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गरीबों और निरक्षरों को वित्तीय साक्षरता प्रदान भी की है। अतः राष्ट्र में समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसी योजनाएँ आवश्यक हैं।