योजना आयोग 1950 में गठित एक अतिरिक्त संवैधानिक निकाय था। यह देश के सभी संसाधनों का मूल्यांकन करने, कमी वाले संसाधनों को बढ़ाने, संसाधनों के सबसे प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए योजना तैयार करने और प्राथमिकताओं का निर्धारण करने हेतु इसको स्थापित किया गया था। जवाहरलाल नेहरू योजना आयोग के पहले अध्यक्ष थे।
योजना आयोग की स्थापना क्यों की गई?
योजना आयोग जवाहरलाल नेहरू के दिमाग की उपज और सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित राष्ट्रीय योजना समिति (1938) की संतति थी। योजना आयोग की स्थापना 1950 में भारत सरकार द्वारा एक सलाहकार और विशेष संस्थान के रूप में की गई थी।
योजना आयोग ने कैसे अपनी प्रासंगिकता खो दी?
धीरे-धीरे दोनों नियोजन के साथ-साथ योजना आयोग ने अपना औचित्य खोना शुरू कर दिया। यह वास्तव में 1960 के दशक से शुरू हुआ था, जब लगातार सूखे और खराब फसल ने सरकार को तीन साल (योजना अवकाश) के बीच के अंतराल के लिए योजना का त्याग करने हेतु प्रेरित किया। ये योजना अवकाश योजना आयोग के पतन के शुरुआती संकेत थे। धीरे-धीरे और स्थिर रूप से, प्रशासनिक प्रणाली ने अपनी भूमिका को खत्म कर दिया तथा जिस भावना के साथ इसके प्रणेता नेहरू ने इसे शुरू किया था, उसे बाद में कभी पुनर्जीवित नहीं किया गया।
इसके कुछ उदाहरण
केंद्र और राज्य के बीच एक मध्यवर्ती के रूप में सेवा करने की इसकी भूमिका जारी रही, लेकिन वित्त आयोग ने वैधानिक हस्तांतरण पर सिफारिश की।