इस आयोग की स्थापना 2007 में एक सांविधिक निकाय के रूप में की गई, यह महिला और बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
(क) देश के किसी भी हिस्से के किसी भी व्यक्ति को सुनवाई के लिए आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए आदेश देना, उसे लागू करवाना और शपथ का परीक्षण करना।
(ख) किसी भी दस्तावेज की खोज व प्रस्तुति के लिए आदेश देना।
(ग) हलफनामा पर साक्ष्य प्राप्त करना।
(घ) किसी भी अदालत के कार्यालय से सार्वजनिक रिकॉर्ड या उसकी प्रति प्राप्त करना।