भारत के चंद्रयान-2 मिशन का ‘विक्रम’ लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल रहा। हालांकि चंद्रयान-2 मिशन आंशिक रूप से ही असफल रहा; क्योंकि इसका ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर 100 किमी. की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
पूर्व के सफल प्रयासः सबसे पहले पूर्व सोवियत संघ ने अपने लैंडर आधारित चंद्र मिशनों की शुरुआत वर्ष 1963 में की थी तथा वर्ष 1966 में मिली सफलता तक वह 12 असफल लैंडर मिशन प्रक्षेपित कर चुका था। पूर्व सोवियत संघ फरवरी 1966 में चंद्रमा की सतह पर लूना 9 के जरिए पहली सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा।