आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने कुसुम योजना शुरू करने को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक 25.75 गीगावाट (GW) सौर ऊर्जा क्षमता का उपयोग करके किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करना है।
कुसुम योजना कें तीन घटक
कंपोनेंट-एः 10,000 मेगावाट का विकेंद्रीकृत भूमि के ऊपर बने ग्रिड से जुड़े नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रा।
घटक-बीः 17-50 लाख सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना।
घटक-सीः 10 लाख ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों का सौरकरण।
इन तीनों घटकों को मिलाकर, योजना का लक्ष्य 2022 तक 25,750 मेगावाट की सौर क्षमता जोड़ना है।
इस योजना के अपेक्षित सकारात्मक परिणामों में विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना, प्रसारण घाटे में कमी के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में सब्सिडी के बोझ को कम करना, डिस्कॉम के वित्तीय स्थिति को सुधार आदि शामिल हैं।