यह नवीकरणीय ऊर्जा की निकासी के लिए एक ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना है, जो एक राज्य के भीतर और विभिन्न राज्यों के बीच प्रेषण आधारभूत संरचना का निर्माण करता है। यह उत्पादन स्थल से लेकर लोड सेंटर तक विस्तारित है। यह 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान नवीकरणीय संसाधन समृद्ध राज्यों में लागू किया गया, जो अभी भी जारी है।