इस परियोजना को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने शुरू किया है। इस परियोजना के द्वारा चीनी मिलों और अन्य उद्योगों में बायोमास-आधारित सह उत्पादन को समर्थन प्रदान किया जाएगा। इससे भारत में बायोमास पावर और बायोगैस सह उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य बिजली उत्पादन के लिए उपलब्ध बायोमास संसाधनों, जैसे चावल की भूसी, पुआल, कपास के डंठल, नारियल के खोल आदि का उपयोग करना है।
भारत में बायोमास की मौजूदा उपलब्धता प्रतिवर्ष लगभग 500 लाखों मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
देश की 550 चीनी मिलों में खोई आधारित सह उत्पादन के माध्यम से 5000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पन्न किया जा सकता है।