वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम टेस्ट [Programme for International Student Assessment (PISA) TEST] में भारत भागीदारी करेगा। PISA अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मूल्यांकन हेतु OECD (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) का एक कार्यक्रम है। इस टेस्ट का उद्देश्य व्यापक विश्लेषण करना है कि किसी देश में शिक्षा प्रणाली अपने छात्रों को उच्च शिक्षा और इसके पश्चात् रोजगार के लिए तैयार करने के संदर्भ में किस दिशा में कार्य कर रही है। PISA टेस्ट प्रत्येक तीन वर्ष पश्चात् आयोजित किया जाता है और आगामी टेस्ट को वर्ष 2021 में आयोजित किया जाएगा। यह प्रथम बार वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था।
इस टेस्ट के अंतर्गत 15-16 वर्ष के मध्य की आयु के उन छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है, जो किसी शैक्षणिक संस्था में 7वीं या इससे ऊपर की कक्षा में नामांकित हैं।
इस टेस्ट में गणित, पठान और विज्ञान तथा नवोन्मेषी विषयों, जैसे कि सहयोगात्मक समस्या-समाधान एवं वित्तीय साक्षरता में छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है। परंपरागत टेस्ट और परीक्षाओं के विपरीत, PISA टेस्ट छात्रों का मूल्यांकन उनकी स्मरण शक्ति के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी अनुप्रयोग क्षमताओं के आधार पर करता है।
भारत की भागीदारी
भारत के लिए महत्व