अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के लिए अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण (All India Survey on Higher Education - AISHE) जारी किया है। इसे वर्ष 2010-11 से प्रतिवर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वेब आधारित संचालन किया जाता है। इस सर्वेक्षण में देश के सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों को सम्मिलित किया गया है, जिन्हें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय (कॉलेज) और स्टैंड-अलोन (विश्वविद्यालयों से असंबद्ध) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

AISHE द्वारा निर्धारित शैक्षणिक विकास संकेतक

  • संस्थानों का घनत्व (Institution Density);
  • सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio);
  • छात्र-शिक्षक अनुपात (Gender Parity Index); और
  • प्रति छात्र व्यय (Per Student Expenditure)।

उच्चतर शिक्षा के संबंधित तथ्य

  • प्रति लाख पात्र जनसंख्या (18-23 वर्ष आयु वर्ग वाली जनसंख्या) पर महाविद्यालयों की संख्या अखिल भारतीय 28 के औसत की तुलना में बिहार में 7 तथा कर्नाटक में 53 है।
  • केवल 2.5% कॉलेज ही पीएचडी प्रोग्राम का संचालन करते हैं तथा केवल 34.9% कॉलेजों द्वारा स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र शिक्षक अनुपात नियमित आधार पर 29 है।
  • उच्चतर शिक्षा में प्रवेश लेने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 47,427 है। सर्वाधिक विदेशी छात्र पड़ोसी देशों से आते हैं, जिनमें नेपाल (26.88%) का प्रथम स्थान है, इसके पश्चात अफगानिस्तान (9.8%), बांग्लादेश (4.38%), सूडान (4.02%), भूटान (3.82%) और नाइजीरिया (3.4%) का स्थान आता है।

निष्कर्ष

  • भारत में उच्चतर शिक्षा में नामांकनः भारत में उच्चतर शिक्षा में (18-23 आयु वर्ग) सकल नामांकन अनुपात वर्ष 2017-18 के 25.8% से आंशिक रूप से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 26.3% हो गया है, जिसमें पुरुषों की भागीदारी 26.3% और महिलाओं की भागीदारी 26.4% है।
  • कुल छात्र नामांकन के संदर्भ में शीर्ष 6 राज्य- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और कर्नाटक की हिस्सेदारी 54.23% हैं।
  • उच्चतर शिक्षा संस्थाओं की संख्याः विश्वविद्यालयों की संख्या (वर्ष 2017-18 के 903 से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 993 हो गई है) और उच्चतर शिक्षा संस्थानों की कुल संख्या में भी वृद्धि हुई है।
  • लैंगिक अंतराल में कमीः नामांकित विद्यार्थियों में 51.36% पुरुष और 48.64% महिलाएं हैं, जो उच्चतर शिक्षा में लैंगिक अंतराल में होने वाली कमी को दर्शाता है।
  • सामाजिक पिछड़ापनः अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के मध्य छात्र नामांकन क्रमशः 14.89% एवं 5.53% है। अल्पसंख्यकों में, 5.23% छात्र मुस्लिम वर्ग के और 2.32% अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के हैं।