शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने हेतु 86वां संविधान संशोधन विधेयक 28 नवंबर, 2001 को लोकसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस 86वें संविधान संशोधन के मुताबिक संविधान में एक नयी धारा 21(क) जोड़ी गयी है, जिसके तहत निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करना 6-14 वर्ष की आयु वर्ग के प्रत्येक भारतीय बच्चे का मौलिक अधिकार होगा। 0-6 वर्ष के बच्चों की शिक्षा आदि के दायित्व से यह विधेयक मुक्त है। विधेयक में एक उपखंड जोड़कर बच्चों के माता-पिता पर संविधान के अनुच्छेद 51 (क) के तहत मूलभूत कर्त्तव्य रखा गयी है कि वे बच्चों की शिक्षा की सुविधाएं प्रदान कराएं।