वर्ष 2017 में सरकार ने लोकसभा ने संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित किया, जो संविधान में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग के नाम से पुनर्नामकरण किया। यह विधेयक शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए अनुच्छेद 338इ के अंतर्गत एक आयोग का गठन करता है।