2017 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर यात्रियों की बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकी नीति की घोषणा की, जिसे डिजीयात्रा कहते हैं। यह यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा के अनुभव को बढ़ाने और सुरक्षा सुधार के साथ जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना करता है।