वर्तमान केंद्रीय विधुत प्राधिकरण (सीईए) विधुत अधिनियम, 2003 के तहत गठित एक संगठन है। इसे 1951 में एक अंशकालिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था, जो 1975 में पूर्णकालिक निकाय बनाया गया।
सीईए विधुत संयंत्रों के निर्माण, बिजली की लाइनों और ग्रिड से जुड़ाव, मीटर एवं सुरक्षा तथा ग्रिड मानकों के अधिष्ठापन व संचालन जैसे मामलों पर मानकों को निर्धारित करता है।
सीईए केंद्रीय, राज्य और निजी क्षेत्रों की पनबिजली विकास योजनाओं की सहमति प्रदान करता है, जो पीने के पानी, सिंचाई की आवश्यकता के अनुरूप बिजली उत्पादन, नेविगेशन और बाढ़ नियंत्राण के लिए नदी और उसकी सहायक नदियों के कुशल विकास से सम्बंधित होती हैं।