रेल बजट 2016-17 में भारतीय रेल को सात मिशन गतिविधियों- अवतरण के माध्यम से बदलने का प्रस्ताव है, जो निम्नलिखित है -
मिशन 25 टनः इसका लक्ष्य वहन क्षमता में वृद्धि करके राजस्व में वृद्धि करना है। इसके लिए 10-20% भाड़ा लोडिंग 2016-17 में 25 टन एक्सल-लोड वैगनों के माध्यम से तथा 2019-20 तक हाई एक्सल लोड वैगनों पर 70% माल यातायात का लक्ष्य रखा गया है।
मिशन जीरो दुर्घटनाः इसमें दो उप मिशन शामिल हैं-
अगले 3-4 वर्षों में अभिनव वित्तपोषण तंत्र के माध्यम से ब्रॉड गेज पर सभी मानव रहित स्तर क्रॉसिंग को खत्म करने के लिए मानव रहित स्तर क्रॉसिंग का उन्मूलन।
ट्रेन टकराव से बचाव प्रणाली (TCAS) एक स्वदेशी तकनीक है, जिसे अगले 3 वर्षों में TCAS के साथ 100% उच्च घनत्व नेटवर्क से लैस किया जाना है।
मिशन पेस (अधिप्राप्ति और उपभोग क्षमता): इस मिशन का उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए खरीद और उपभोग व्यवस्था में सुधार करना है।
मिशन रफ्रतारः यह मालगाड़ियों की औसत गति को दोगुना करने और अगले 5 वर्षों में सुपरफास्ट मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत गति को 25 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने का लक्ष्य है। यह ‘मिशन 25 टन’ के पूरक के रूप में है।
मिशन सौः यह मिशन अगले 2 वर्षों में कम से कम सौ साइडिंग कमीशन करेगा। वर्तमान साइडिंग/पीएफटी नीति को अधिक से अधिक निजी भागीदारी के लिए संशोधित किया जाएगा। शक्तियों के विकेंद्रीकरण के साथ, सभी नए अनुप्रयोगों को स्वीकार करने और संसाधित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल संचालित किया जाएगा।
बहीखाता से परे मिशनः बहीखाता से परे मिशन (Mission Beyond on Book Keeping) एक लेखा प्रणाली स्थापित करेगा, जहाँ परिणामों के इनपुट पर नजर रखी जा सकती है।
मिशन कैपेसिटी यूटिलाइजेशनः यह दिल्ली-मुंबई और दिल्ली- कोलकाता डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर क्षमता का पूर्ण उपयोग करने का खाका तैयार करने का प्रस्ताव करता है।