स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज 85% हो गया है। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा जून 2018 में जारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण सामुदायिक सक्रियता के माध्यम से 7.4 करोड़ शौचालयों का निर्माण ग्रामीण भारत में हो चुका है। 3.8 लाख गांव एवं 391 जिले खुले में शौच मुक्त (Open Defection Free - ODF) हुए है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) निर्मल भारत अभियान का उन्नत स्वरूप है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का लक्ष्य 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना है। यह योजना विश्व में सबसे बड़े व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम के रूप में भी जानी जाती है।

ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण में प्रति यूनिट निर्माण सहायता राशि 10,000 रु. से बढ़ाकर 12,000 रु. किया गया। जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 9,000 रु. प्रति यूनिट और राज्य की 3,000 रु. प्रति यूनिट है जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों एवं जम्मू-कश्मीर में यह अनुपात केंद्र व राज्य के मध्य क्रमशः 10,800 रु. एवं 1,200 रुपये निर्धारित है। 93.4 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों द्वारा शौचालयों का प्रयोग किया जाने लगा है।

उद्देश्य

  • 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपये द्वारा 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों का निर्माण करना।
  • तकनीकी द्वारा बड़े स्तर पर कूड़े-कचरे को जैविक खाद और विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोत में परिवर्तित करना।
  • मिशन में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित करना एवं ग्रामीण जनसंख्या, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।