दिसंबर, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तटीय नियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone - CRZ) अधिसूचना, 2018 को मंजूरी दे दी है जिसकी पिछली समीक्षा वर्ष 2011 में की गई थी और फिर उसी वर्ष इसे जारी भी किया गया था।
उद्देश्यः तटीय नियमन क्षेत्र अधिसूचना, 2011 के समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिकी के प्रबंधन एवं संरक्षण, तटीय क्षेत्रों के विकास, पारिस्थितिकी पर्यटन, तटीय समुदायों की आजीविका से जुड़े विकल्प एवं सतत विकास इत्यादि से संबंधित प्रावधानों की व्यापक समीक्षा करना।
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा शैलेश नायक (पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव) की अध्यक्षता में जून 2014 में एक समिति गठित की गई थी जिसे CRZ अधिसूचना, 2011 में उपयुक्त बदलावों की सिफारिश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शैलेश नायक समिति ने वर्ष 2015 में अपनी सिफारिशें पेश की थी।
विशेषताएं:
ब्लू फ्लैग ब्लू फ्लैग समुद्र तटों के मानकों का निर्धारण डेनमार्क के कोपनहेगन स्थित ‘फांउडेशन फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन’ (Foundation for Environment Education - FEE) द्वारा 1985 में शुरू किया गया था। समुद्र तटों को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिए यह मुहिम साल 2001 में यूरोप के बाहर दक्षिण अफ्रीका पहुंची। अब इस तरह की मुहिम धीरे-धीरे भारत में भी चल रही है। ब्लू फ्लैग के मानक यह स्थानीय अधिकारियों और समुद्र तट संचालकों को चार श्रेणियों में उच्च मानकों (33 मानकों) को प्राप्त करने की चुनौती देता है। ये श्रेणियां हैं- (1) जल गुणवत्ता, (2) पर्यावरण प्रबंधन, (3) पर्यावरण शिक्षा और (4) सुरक्षा। |