देश में इंटरनेट सेवाओं और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को नए मुकाम पर ले जाने के लिहाज से अहम उपग्रह GSAT-11 को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। 5 दिसंबर, 2018 को भारत के अब तक के सबसे भारी सैटेलाइट का फ्रेंच गुयाना से सफल प्रक्षेपण किया गया।
करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 सबसे वजनी उपग्रह है, जिसमें सबसे बड़े सौर पैनल और पेलोड पैनल हैं। हर सोलर पैनल की लंबाई 4 मीटर से अधिक है। इस उपग्रह में इनसैट जीसैट समूह के अब तक के सबसे ज्यादा पांच एंटीना लगाए गए हैं।
जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘‘हाई थ्रपुट’’ संचार उपग्रह है और इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है। इस उपग्रह की खास बात है कि यह बीम्स को कई बार प्रयोग करने में सक्षम है, जिससे पूरे देश के भौगोलिक क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। यह उपग्रह भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ग्रामीण और दूरदराज की ग्राम पंचायतों को भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत ब्राडबैंड कनेक्टिविटी की जरूरतों को पूरा करेगा।