पार्कर सोलर प्रोब

नासा ने सूर्य के लिए पहला मिशन ‘पार्कर सोलर प्रोब’ को अगस्त 2018 को लॉन्च कियाहै, जो सूर्य के वायुमंडल और इसके बाहरी वातावरण, कोरोना का अन्वेषण कर रहा है।

मिशन के प्रमुख उद्देश्य

  • ऊर्जा के प्रवाह का पता लगाना, जो कोरोना और सौर हवा को गर्म करता है और उसके गति में वृद्धि करता है।
  • सौर हवा के स्रोतों पर प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्रों की संरचना और गतिशीलता का निर्धारण करना।
  • ऊर्जावान कणों की गति में वृद्धि और उसके ट्रांसपोर्टेशन की क्रियाविधि का अध्ययन करना।

पार्कर सोलर प्रोब की विशेषताएं

  • पार्कर सोलर प्रोब को सूर्य के ताप और विकिरण से बचाने के लिए इसमें विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस पर अत्यंत शक्तिशाली 11-43 सेंटीमीटर मोटा ताप कवच लगाया गया है, जो इसकी सुरक्षा करता रहेगा। यह कवच पृथ्वी पर सूर्य के विकिरण से 500 गुना अधिक विकिरण को सहन कर सकता है।
  • जिन स्थानों पर तापमान बहुत अधिक पहुंच जाता है, वहां 1371 डिग्री सेल्सियस पर इस ताप कवच के गर्म होने का अनुमान है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि सब कुछ सही रहा, तो अंतरिक्ष यान के अंदर 29 डिग्री तापमान बना रहेगा।

कोरोना

कोरोना प्लाज्मा से बना होता है और यह वायुमंडल की तरह सूर्य और तारों को चारों ओर से घेरे रहता है। अस्वाभाविक रूप से इसका तापमान सूर्य के सतह से 300 गुना ज्यादा होता है। इससे शक्तिशाली प्लाज्मा और तीव्र ऊर्जा वाले कणों का उत्सर्जन भी होता है, जो पृथ्वी पर स्थित पावर ग्रिड में गड़बड़ी ला सकता है। इस मिशन की सफलता से वैज्ञानिकों को पृथ्वी के अंतरिक्ष वातावरण में बदलाव की भविष्यवाणी करने में सक्षम बनाएंगे।