नासा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पृथ्वी के दीर्घकालिक ऊष्मण (वार्मिंग) की प्रवृत्ति जारी है और 2018 को लिखित इतिहास में सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया है। यह वैज्ञानिकों द्वारा दी गई चेतावनी की पृष्ठभूमि में सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि पृथ्वी के तापमान में 1950 के स्तर की तुलना में पहले ही 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो चुकी है। इससे पता चलता है कि भले ही मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ओजोन को नष्ट करने वाले पदार्थों को हटाने में व्यापक रूप से सफल रहा है, लेकिन यह ग्लोबल वार्मिंग की प्रवृत्ति को कम नहीं कर सका है।
इस स्थिति में विश्व ओजोन दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की शीतलन कार्य योजना (कूलिंग एक्शन प्लान) को जारी किया गया था। आईसीएपी सभी क्षेत्रों में शीतलन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सिफारिशें और 20 साल की अवधि (2017-18 से 2037-38) के लिए स्थायी शीतलन तक पहुंच प्रदान करने के तरीके उपलब्ध कराता है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आवासीय और वाणिज्यिक भवनों, परिवहन, प्रशीतन (refrigeration) आदि के साथ बहुक्षेत्रीय प्रकृति के कारण कूलिंग सेक्टर पर जोर है। कार्य योजना का व्यापक लक्ष्य पर्यावरण और समाज के लिए सामाजिक-आर्थिक लाभ को सुरक्षित करते हुए सभी के लिए स्थायी शीतलन और ऊष्मण सुविधाएं प्रदान करना है।
प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य
आईसीएपी का महत्व
विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस) विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस), 2018 नई दिल्ली में आयोजित किया गया। डब्ल्यूएसडीएस ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’(टीईआरआई) का प्रमुख मंच है और इसे पहले दिल्ली सतत विकास शिखर सम्मेलन का नाम दिया गया था। भविष्य के समानता, सहयोग और जलवायु न्याय पर आधारित आर्थिक पथ को सुनिश्चित करने के लिए शिखर सम्मेलन सतत विकास, ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों को एक साथ ले आता है। शिखर सम्मेलन 2018 का विषय ‘एक लचीले ग्रह के लिए साझेदारी’ था। सतत (SATAT) पहल SATAT पहल का उद्देश्य वाहन ईंधन के पूरक के लिए संपीडित बायो-गैस (CBG) उत्पादन संयंत्रें को स्थापित करने के लिए संभावित उद्यमियों को आमंत्रित करके एक ‘‘सतत वैकल्पिक वहन योग्य परिवहन" (Tustainable Alternative Towards Affordable Transportation-SATAT) प्रदान करना है। संपीडित बायो गैस का उत्पादन अपशिष्ट/जैव स्रोतों (जैसे कृषि अवशेष, सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट आदि) से अवायवीय अपघटन की प्रक्रिया के माध्यम से प्राकृतिक रूप से होता है, जो शुद्ध और संपीडित होता है। भारत में बायोमास की प्रचुरता और CNG की तुलना में इसके समान कैलोरी मान के कारण संपीडित बायोगैस (CBG) को एक वैकल्पिक, नवीकरणीय मोटर वाहन ईंधन के रूप में प्राथमिकता दी जाती है। इस पहल से वाहन-उपयोगकर्ताओं, किसानों और उद्यमियों को लाभ होगा और पहले से शुरू की गई गोबर-धन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज) योजना को बढ़ावा मिलेगा। |
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास फ्रेमवर्क (UNSDF) 2018-22 नीति आयोग और भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ने 2018-2022 के लिए भारत-संयुक्त राष्ट्र सतत विकास फ्रेमवर्क (UNSDF) पर हस्ताक्षर किए। UNSDF भारत सरकार और भारत में संयुक्त राष्ट्र टीम के बीच विकास रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। प्रधान कार्यक्रम वृद्धि सक्षम, नवोन्मेषी, बहुक्षेत्रीय उपाय होंगे, जो भारत की प्रमुख राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं को हल करते हैं और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को बढ़ावा देते हैं। UNSDF 2018-22 में प्राथमिकता वाले सात क्षेत्र शामिल हैं:
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आगे की राह
पहल के लाभ